ऐसा कहते है की कभी कभी भगवान एक ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण करता है जो हर हूनर से परिपूर्ण हो। नाम के अनुरूप पूर्णिमा सावरगाँवकर एक बहुमुखी प्रतिभा से परिपूर्ण व्यक्तित्व है । आप एक इलेक्ट्रॉनिक्स एंजिनीर है और महाराष्ट्र के मराठवाँड़ा क्षेत्र से पढ़ीं हुई अपने समय की पहली महिला ISRO scientist थीं। उर्दू में कविता लिखने का शौक़ स्कूल से जो शुरू हुआ तो कालेज में और ISROअहमदाबाद तक के सफ़र में एक अभिरुचि में तब्दील हो गया । ISRO के वार्षिक काव्यपाठ प्रतियोगिता ने आपको शौक़िया कवित्रि से एक प्रफ़ेशनल और फिर एककाव्यपाठ प्रतियोगिता काजज बना दिया। विवाहित जीवन में कविताएँ कहीं खो गयी, पर आपके नये आयाम उभर कर सामने आये। आपने कार रैली में जीत हासिल की और ओर्गानिक अर्बन गॉर्ड्निंग करते हुए “ बेस्ट किचन गार्डन “ का ख़िताब भी जीता । आज आप एक सफल उध्यमकरता हैं और इस कार्य के लिए आपको ICARने वर्ष २०१८ के लिए “इनवेटिव फ़ॉर्मर “ के अवार्ड से सम्मानित किया है। इस बहुमुखी प्रतिभा से लोगों को प्रेरणा प्राप्त हो इस हेतु दूरदर्शन ने आपसे किया संवाद “तेजस्विनी“ प्रोग्राम में प्रदर्शित किया हैं ।
ये कविता संग्रह इनकी पुरानी यादों के संस्मरण का एक छोटा सा प्रयास है ।
:
:
:
:
Books By Purnima Savargaonkar