Book Details
Authored By: Dr. Renu Mishra
Publisher: Authorspress
ISBN-13: 9789387651876
Year of Publication: 2018
Pages: 164 | Binding: Paperback(PB) |
Category: Poetry, Fiction and Short Stories
Price in Rs. 206.50 | Price in (USA) $. 29.95 |
Book Description
दुरूह अंतर्मन, घुमड़ते विचार, संघनित संवेदनाएँ, गूढ़ एहसास और अंतर्विरोध की आँधी जब हद से गुज़र जाती है तो लफ्ज़ बन कागज़ पर ढल जाती है और बस, बन जाती है कविता!बनफूल डॉ रेणु मिश्र की कुछ ऐसी ही कविताओं का संकलन है जो आपको भावनाओं के समन्दर में गोते खाने को विवश कर देगा.
ख़्वाबोंकेपरिंदे के बाद बनफूल डॉ रेणु मिश्रा का दूसरा काव्य संग्रह है। जैसा कि नाम से ही विदित है, इस काव्य संग्रह की कविताएँ जंगल की खुशबू लिए किसी निर्झर सी प्रवाहित, तितलियों सी रंगीन और फूलों सी कोमल हैं। विभिन्न विषय वस्तुओं को समाहित किए भावों का उद्गम हैं। ये ज़िन्दगी के विभिन्न पहलुओं को छूती हृदयस्पर्शी रचनाएँ हैं जिन्हें आप अपनी ज़िन्दगी से भी अवश्य आत्मसात करता पाएँगे और बार-बार पढ़ना चाहेंगे।
डॉ रेणु मिश्रा रसायनशास्त्र की पूर्व प्रवक्ता हैं। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र में पी.एच.डी. की डिग्री हासिल की तत्पश्चात इन्होंने देश-विदेश के कई महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया। कविताएँ लिखना इनका पसंदीदा शौक है। ख़्वाबोंकेपरिंदे इनका पहला एकल काव्य संग्रह था। इनकी अब तक पचास से भी अधिक कविताएँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा दस साझा काव्य संकलन का भी ये हिस्सा रह चुकी हैं। डॉ रेणु मिश्र एशियन लिटरेरी सोसाइटी के हिंदी विभाग की एडमिन भी हैं । इन्हें पढ़ने का बहुत शौक है और ओशो की फिलोसफी से काफी प्रभावित हैं। प्रकृति को अपने बहुत निकट पातीं हैं और यह बात, अमूमन इनकी सभी रचनाओं में परिलक्षित भी होती है। लेखन के अलावा इन्हें पढ़ना एवंबागवानी करना पसंद है। ये मूलतः लखनऊ की रहने वाली हैं और अभी गुरुग्राम में स्थित हैं।